इसे हम मीयादी या मोतीझरा भी कहते है. ज्यादातर ये बुखार सामन्य बुखार आने पर उसकी देखभाल न करने से होता है, या फिर गन्दा पानी-पीने या भोजन करने से होता है. इसमें मरीज का शरीर काफी कमजोर हो जाता है. इसके अलावा भूख कम लगना, शरीर में दर्द होना भी इसके लक्षण है.
इस बीमारी का सही से इलाज होने पर इससे बचा जा सकता है. लेकिन अगर इलाज में लापरवाही की जाये तो मरीज की मौत भी हो सकती है. इस बीमारी में काफी तेज बुखार होता है जो 104 डिग्री तक पहुंच जाता है. काफी लोगो को बुखार के साथ-साथ Skin Rashes और Pink Spots भी हो जाते है.
स्थिति खराब होने पर मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती करना बहुत जरुरी है.

टाइफाइड होने के कारण
गन्दा पानी पीने से
खराब, बासी या गन्दा खाना खाने से
किसी भी बीमार व्यक्ति का जूठा पानी पीने से
सामान्य बुखार होने पर देखभाल या उपचार न करवाने से
ये सब टाइफाइड होने के कारण है (Causes of Typhoid in Hindi). अगर आप इन चीजों के ऊपर शुरू से ध्यान दे तो अपने आपको टाइफाइड जैसी बीमारियों से बचा सकते है.
टाइफाइड के लक्षण
सिर दर्द का होना
लगातार थकान लगे रहना
तेज बुखार होना 104 डिग्री तक
पूरे दिन लगातार हल्का बुखार रहना
हाथ, पैर तथा शरीर के बाकी के अंगो में दर्द होना
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टाइफाइड के घरेलू उपाय व नुस्खे
टाइफाइड एक बीमारी है जो Salmonella Typhi Marine Bacteria के कारण होती है. ये जीवाणु इंसान के आंत में और रक्त प्रवाह में रहता है. जब ये बैक्टीरिया मुंह के जरिये शरीर में घुसता है, तो यह एसटीफी बैक्टीरिया होस्ट की आंत में एक से चार सप्ताह तक रहता है. फिर यह धीरे-धीरे संक्रमित मरीज के रक्त प्रवाह में रास्ता बना मेजबान के बाकि टिश्यू और अंगों में फैलता है.
यह बीमारी किसी भी जानवर के द्वारा नहीं फैलती है, टाइफाइड एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैलता है. टाइफाइड केवल Salmonella Typhimurium से संक्रमित व्यक्ति के मल के साथ सीधे संपर्क से लोगों के बीच फैलता है.
टाइफाइड के इलाज के लिए पेय पदार्थों का सेवन करें
टाइफाइड जैसी बीमारी में शरीर में पानी की कमी हो जाती है जोकि डिहाइड्रेशन का कारण बनती है. तरल पदार्थ पीने से हम हाइड्रेटेड रहते है. इसलिए मरीज को हमेशा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए तरल पदार्थ पानी, ताजे फलों का रस, हर्बल चाय आदि हो सकते हैं.
टाइफाइड का घरेलू उपाय ठन्डे पानी की पट्टियां
टाइफाइड में पीड़ित को काफी तेज बुखार रहता है, और यह कई दिनों तक बना रहता है. ऐसे में पीड़ित के शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखने के लिए ठन्डे पानी की पट्टियां रोगी के माथे, हाथ, पेरो पर रखनी चाहिए. ध्यान रहे बहुत ज्यादा ठन्डे पानी का प्रयोग न करे और कपडे को समय-समय पर बदलते रहे.
टाइफाइड के इलाज के लिए तुलसी
तुलसी का इस्तेमाल हर घर में किया जाता है. इसमें मौजूद गुणों की वजह से ये हमें कई बीमारियों से बचाने में मदद करती है. तुलसी की मदद से सर्दी तथा दस्त जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. इसके अलावा तुलसी टाइफाइड बुखार में भी फायदेमंद है. टाइफाइड बुखार की वजह से आने वाली सूजन और जॉइंट पैन को कम करने में तुलसी मदद करती है. टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति को तुलसी डालकर उबला हुआ पानी देने से फायदा होता है.
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अदरक और पुदीना का काढ़ा
अदरक को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जाना जाता है. खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा ये कई बीमारियों का इलाज करने में भी सक्षम है. अदरक और पुदीना का काढ़ा पीने से बुखार उतर जाता है. काढ़ा पीकर कुछ देर आराम करना चाहिए. और बाहर हवा में जाने से खुद को बचाए.
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टाइफाइड से बचने के उपाय
ऊपर आपको टाइफाइड के घरेलु उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त हो गयी होगी. इसके अलावा खुद को टाइफाइड से बचाये रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है. टाइफाइड से बचने के लिए यात्रा करते समय बोतल बंद पानी पिए और सड़क के किनारे मिलने वाला भोजन न खाएं. हमेशा साफ़ खाना खाये. यदि आपको घरेलु दवाओं से आराम न हो रहा हो तो बिना समय व्यर्थ किए डॉक्टर से मिले और इलाज करवाए. ज्यादा देरी करना नुकसानदायक साबित हो सकता है.