हर्निया के बारे में आपमें से ज्यादातर लोगो ने सुना ही होगा और अगर नहीं सुना तो इस लेख के जरिये आपको हर्निया के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो जायेगी.
हर्निया एक बीमारी है जो शरीर के अंग के अतिरिक्त विकास के कारण पैदा होती है. अगर शरीर का कोई हिस्सा अपनी सामान्य स्तिथि से अधिक बढ़ जाता है तो वो हर्निया होता है.
वैसे तो हर्निया शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन पेट में होने वाला हर्निया सबसे आम है. शरीर के जिस हिस्से में हर्निया होता है उस जगह पर एक उभार दिखने लगता है. पेट की माशपेशियों के कमजोर हो जाने के कारण आंते बाहर निकल आने की समस्या होने लगती है और इसे पेट का हर्निया कहते है.
हर्निया के लक्षण | Symptoms of Hernia in Hindi
- प्रभावित क्षेत्र में गांठ होना
- सूजन और दर्द की शिकायत होना
- पेट में भारीपन महसूस होना
- त्वचा के नीचे उभार महसूस होना
- पेशाब करने में परेशानी
- कब्ज रहना
ये सब हर्निया के लक्षण है. (Symptoms of Hernia in Hindi)
हर्निया के कारण | Causes of Hernia in Hindi
Hernia Ke Karan कई कारणो को वजह से हर्निया हो सकता है. नीचे हमने हर्निया के कारणों के बारे में बताया है.
- बढ़ती उम्र के कारण हर्निया होने की सम्भावना बनी रहती है.
- ज्यादा खांसी होने के कारण
- मोटापे के कारण
- ज्यादा छींकने से
- ज्यादा लम्बे समय तक खांसी होने के कारण
- ज्यादा खड़े रहने के कारण
- भारी वजन उठाना
- जेनेटिक प्रॉब्लम
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हर्निया के प्रकार | Types of Hernia in Hindi
वेक्षण हर्निया (इंग्वाइनल हर्निया) – इस प्रकार का हर्निया पुरुषों में पाया जाता है. हर्निया के ज्यादातर मरीजों को यह वाला हर्निया होता है. वेक्षण हर्निया जांघ के जोड़ में होता है. इस हर्निया में अंडकोष जांघ की पतली नली से अंडकोष में खिसक जाते है. ऐसे होने पर अंडकोष का साइज बढ़ जाता है.
जघनास्थिक यानी फीमोरल हर्निया – यह हर्निया कम लोगों में देखने को मिलता है. इस Hernia में पेट के अंग जांघ के पैर में जाने वाली धमनी में मौजूद मुंह से बाहर निकल आते हैं। इस धमनी का काम पैर में खून की आपूर्ति करना होता है. Femoral Hernia पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है।
नाभि का (अम्बिलिकल) हर्निया – यह हर्निया का एक सामान्य रूप होता है. इसमें पेट की सबसे कमजोर मांसपेशी, हर्निया की थैली नाभि से बहार निकल जाती है. ज्यादा मोटे व्यक्ति और कमजोर माशपेशियों वाले व्यक्तियों में इस हर्निया को ज्यादा देखा जाता है.
एपीगैस्ट्रिक हर्निया – यह हर्निया पुरुषों को अधिक होता है और इसकी चपेट में तीस से पचास उम्र के लोग अधिक आते हैं. जब वसा का एक छोट सा हिस्सा पेट की मंसपेशियों के बीच से निकलता है जो नाभि और उरोस्थि के बीच में होता है.
एसेंशियल हर्निया – आंत उस जगह से उभर कर आती है जहां पर पहले सर्जरी हो चुकी हो, इसमें त्वचा के ठीक होने के बाद भी अंदर की मांसपेशियां अलग-अलग खिंच जाती हैं जो हर्निया का कारण बनती हैं.
हर्निया के घरेलू नुस्खे | Home Remedies for Hernia in Hindi
वैसे तो हर्निया का इलाज करवाने के लिए सर्जरी करवाना ही सही है. लेकिन हमने निचे कुछ घरेलू नुस्खे बताए है जो हर्निया में मददगार साबित हो सकते है.
छोटी हरड़ – सबसे पहले आपको छोटी हरड़ को दूध में उबालना है. उबालने के बाद अरंडी के तेल में तलकर चूर्ण बना ले, फिर इसमें काला नमक, हींग और अजवायन मिलाएं. इसका रोज सेवन करने से हर्निया की शिकायत से छुटकारा मिलेगा.
मुलेठी – मुलेठी की चाय बनाकर पीने से क्षतिग्रस्त ऊतकें तेजी से ठीक होती है. मुलेठी में एनाल्जेसिक गुण होने के कारण पेट दर्द और सूजन की समस्या भी दूर होती है.
कैमोमाइल चाय – कैमोमाइल चाय एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है. इसमें शहद मिलाकर दिन में कम से कम 3 बार पिए. यह आपके पाचन तंत्र को ठीक रखता है और हर्निया की समस्या को दूर करता है.
हर्निया का सही इलाज | Hernia Ka Sahi Ilaj
जरुरी नही हर्निया का इलाज घरेलू नुस्खों की मदद से हो जाये. घरेलू नुस्खे फायदेमंद तो होते है लेकिन कई बीमारियों में हमें चिकित्सक की जरुरत पड़ती है. यदि आपको लगता है की आपको हर्निया की शिकायत है और आपको हर्निया के लक्षण दिखाई दे रहे है तो डॉक्टर से संपर्क करे. हर्निया के इलाज के लिए सर्जरी करवाना ही सही इलाज है. कई लोग ये सोचते है की हर्निया में थोड़ी सूजन होने पर बॉडी को नुकसान नहीं पहुंचता. परन्तु अगर सही समय पर इलाज न करवाया जाये तो Obstructed या Strangulated हर्निया बनने की सम्भावना बढ़ जाती है. इसलिए इलाज करवाने में ज्यादा देर करना ठीक नहीं है.
हर्निया से बचाव
अगर आप हर्निया से बचे रहना चाहते है तो कुछ चीज़ों को अपनाकर आप हर्निया से बचे रह सकते है. नीचे हमने कुछ बातें बताई है जो हर्निया से बचे रहने में मददगार है.
- ज्यादा वजन के कारण हर्निया हो सकता है. इसलिए अपना वजन नियंत्रित रखें.
- जल्दी-जल्दी या फिर ज्यादा सीढ़ियां न चढ़े.
- ऐसे आसन करें जो पेट को मजबूत बनाने में मदद करे.
- ज्यादा वेट लिफ्टिंग न करे.