स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो काफी तेजी से फैलती है. यह एक विशिष्ट प्रकार के इनफ्लुएंजा वायरस (H1N1) के द्वारा होता है. स्वाइन फ्लू का इलाज न होने पर कई बार ये जानलेवा भी साबित हो सकता है. खासकर फेफड़ों के मरीजों के लिए ये ज्यादा खतरनाक हो सकता है. बुजुर्ग, बच्चे तथा कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगो की इसकी चपेट में आने की ज्यादा संभावना होती है.
तो चलिए जानते है स्वाइन फ्लू के लक्षण और उपचार के बारे में.

स्वाइन फ्लू के लक्षण | Swine Flu Symptoms in Hindi
लगातार खांसी का होना.
नाक बहने की शिकायत होना.
सिर में दर्द होना.
मांसपेशियों में दर्द होना.
नींद न आना.
स्वाइन फ्लू में बुखार के साथ सर्दी जुकाम, सांस लेने में परेशानी होती है.
गर्भवती स्त्रियों में, फ्लू भ्रूण की मौत सहित अधिक गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है.
सर्दी, खांसी और बुखार के अलावा डायरिया हो जाए तो स्वाइन फ्लू का पता लगाने के लिए H1N1 की जांच कराये.
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स्वाइन फ्लू से बचाव | Swine Flu Prevention in Hindi
छींकते, खांसते समय मुंह पर कपड़ा रखे या फिर मास्क लगाए.
जुकाम बुखार तथा खांसी के मरीज से दूर रहे.
नाक, आंख, मुंह को छूने के बाद किसी भी चीज को न छुएं तथा अपने हाथों को साबुन से धोये.
रोज 2-3 तुलसी पत्र का सेवन करें.
20 ml गिलोय का काढ़ा रोजाना पीएं.
संक्रमण का खतरा कम करने के लिए इलायची, कपूर, लौंग मिश्रण (पाउडर) को रूमाल में बांध ले और सूंघे.
नाक में तिल तेल की दो-दो बूंदे दिन में तीन बार डालें.
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अगर आपको स्वाइन फ्लू को कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे. ज्यादा देरी करना आपको नुकसान पंहुचा सकता है.