जब भी महिला और पुरुष आपस में शारीरिक संबंध बनाते है तो उनके मन में प्रेगनेंसी को लेकर कई तरह के सवाल रहते है जैसे प्रेग्नेंट केसे होते है, प्रेगनेंसी के लक्षण क्या है या फिर प्रेगनेंसी से कैसे बचे. इस लेख के जरिये हम आपको प्रेगनेंसी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश करेंगे.

गर्भवती कैसे होते है
जब एक पुरुष और महिला आपस में यौन सम्बन्ध बनाते है उसके बाद महिला के अंडाशय में पुरुष के शुक्राणु व् महिला के अंडे मिलकर निषेचित होकर महिला के गर्भ में भ्रूण (Embryo) का निर्माण करते है. इसको प्रेगनेंसी कहा जाता है. प्रेगनेंसी को दूसरे शब्दों में Gestation भी कहते है.
लडकियो के Menstrual ग्यारह से चौदह साल की उम्र के बीच में शुरू होते है. इसके बाद लड़कियों के शरीर में अनेक तरह के हार्मोन रिलीज़ होने लगते है. उसके बाद ही लड़कियों का गर्भाशय बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार होता है. Menstrual शुरू होने के बाद अपने पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाकर कोई भी लड़की प्रेगनेंट हो सकती है.
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प्रेगनेंसी के पहले सप्ताह के लक्षण
शुरुआती हफ्ते में महिलाओं के शरीर के अंदर बहुत से बदलाव होते है लेकिन बाहर से कुछ पता नहीं लगता. एक सवस्थ महिला को हर महीने माहवारी सही समय पर आती है. लेकिन जब महिला गर्भधारण कर लेती है तब उसको माहवारी आना बंद हो जाती है. गर्भधारण के शुरुआत में उल्टी होना, बार – बार पेशाब जाना, जी मचलना भी शामिल है.
मुंह का स्वाद कड़वा होना – पहले हफ्ते में महिला के मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है. उसे किसी भी चीज़ का स्वाद पता नहीं लगता. सिर्फ खट्टा खाना अच्छा लगता है. इसलिए महिलाएं खट्टा खाती है.
मूड सही न रहना – माहवारी के दो हफ्तों के बाद ओवुलेशन का समय शुरू होता है. ये समय गर्भधारण के लिए सही होता है. प्रेग्नेंट होने के बाद हार्मोन परिवर्तित होने लगते है. इनकी वजह से महिला के व्यवहार में उतार – चढाव आने लगता है. हार्मोन बदलने से उनका मूड सही नहीं रहता.
सिर में दर्द – गर्भधारण के बाद सिर में दर्द, थकान की शिकायत अक्सर रहती है. और पैरों में सूजन भी दिखने लगती है.
गर्भधारण के बाद आहार | Diet After Pregnancy in Hindi
गर्भधारण के बाद आहार में बदलाव करना काफी जरुरी है गर्भवती महिलाओ को अपने खाने में ऐसे चीजों का सेवन करना चाहिए जो पौष्टिक तत्वों से भरपूर हो.
- किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
- डॉक्टर से मिलकर अपने डेली रूटीन के बारे में बताएं ताकि डॉक्टर आपको सलाह दे पाए. और आपको आहार में विटामिन और प्रोटीन की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए.
- फलों और सब्जियों के जूस को अपनी दिनचर्या में शामिल करे.
- सब्जी – युक्त आमलेट नाश्ता जो आपको प्रोटीन, विटामिन A, B, C और आयरन देता है.
- ज्यादा दिनों का फ्रिज में रखा हुआ बासी खाना न खाये.
- ज्यादा गर्म या ज्यादा ठंडी चीजों का सीधा सेवन न करे.
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गर्भधारण की प्रक्रिया में पुरुष का योगदान
हम में से लगभग हर किसी को ये बात पता होगी कि जब कोई महिला या लड़की किसी पुरुष के साथ यौन सम्बंध बनाती है तब ही वो प्रेग्नेंट होती है. सम्बन्ध बनने के बाद स्खलित यानि Ejaculation होने पर पुरुष के लिंग से एक तरल पदार्थ निकलता है जो कि महिला की योनि में जाता है. इस तरल पदार्थ को Semen कहते है. इसमें पुरुष के शुक्राणु होते हैं जो महिला की योनि में जाने के बाद महिला के अंडे से निषेचन करके भ्रूण का निर्माण करते हैं.
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गर्भधारण की प्रक्रिया में महिला का योगदान
महिलाओ के अंडाशय में अंडे बनते हैं और मासिक धर्म (Menstrual) को कंट्रोल करने वाले Hormones की वजह से इन अंडों में से कुछ अंडे हर माह तैयार हो जाते है. इसका मतलब यह है कि वे Sperm Cells के साथ निषेचित होने के लिए तैयार हैं. Hormones की वजह से गर्भाशय की परत स्पंजी और मोटी बनती है और गर्भावस्था के समय बच्चे को सँभालने के लिए तैयार होती है.
Menstrual के बाद एक परिपक्व अंडा महिला के अंडाशय में रह जाता है, यह अंडा Fallopian Tube से गर्भाशय की ओर टहलता रहता है. ये अंडा बारह से चौबीस घंटों तक Fallopian Tube से टहलते हुए आसपास Sperm की तलाश करता है.
जब पुरुष का सीमेन यौनि में गिरता है तो स्पर्म सेल्स (सर्विक्स) गर्भाशय के जरिये Fallopian Tube में तैरती है और वह अंडे को ढूंढ़ती है. गर्भाशय में स्पर्म सेल्स 6 दिनों तक अंडे को ढूंढती है और फिर खत्म हो जाती है.
निषेचन और प्रत्यारोपण की प्रक्रिया
इस समय जब अंडा Sperm Cells के स्पर्श में आता है तो स्पर्म कोशिकाएं उसके साथ मिलकर निषेचन की क्रिया करती हैं. लेकिन निषेचन तुरंत नहीं होता है. क्युकी सेक्स के बाद करीब 6 दिनों तक Sperm गर्भाशय और Fallopian Tube में रहता है इसलिए वह इन 6 दिनों के बीच में ही निषेचन करता है.
अगर Sperm Cells अंडे से जुड़ नहीं पाती हैं तो निषेचित अंडा गर्भाशय की ओर Fallopian Tube में चला जाता है. वह यह ज्यादा से ज्यादा कोशिकाओं में बट जाता है और परिपक्व होकर एक Ball बनाता है. Ball Cells जिसे Blastocyst बोलते हैं निषेचन के 3-4 दिनों बाद गर्भाशय में जाता है.
बॉल की कोशिकाएं भी गर्भाशय में 2-3 दिन तक घूमती रहती हैं और जब बॉल की कोशिकाएं गर्भाशय की दीवार की परत से जुड़ जाती हैं तो इस क्रिया को प्रत्यारोपण (Implantation) कहते है. फिर सही मायनों में Pregnancy शुरू होती है.
निषेचित अंडो के गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाने के बाद प्रेगनेंसी हार्मोन्स स्रावित करते हैं जिससे महिला प्रेग्नेंट हो जाती है और उसका मासिक धर्म (Menstrual) बंद हो जाते है.
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जल्दी प्रेग्नेंट होने के उपाय
जो महिलाएं गर्भधारण की कोशिश कर रही है लेकिन फिर भी उनको गर्भधारण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वो अपनी जीवनशैली में निचे दी गयी बातों को अपनाकर जल्दी प्रेग्नेंट हो सकती है.
जल्दी गर्भवती होने के लिए वजन नियंत्रित करे
ज्यादा वजन होने के कारण कंसीव करने में काफी दिक्कत होती है. ज्यादा वजन होने के कारण महिलाओं के फेलोपियन ट्यूब तथा ओवरी के बंद होने की आशंका बढ़ जाती है. मोटापे की वजह से कई बार महिलाओं की बच्चेदानी में सिस्ट तक हो जाते है.
संभोग करें
अपने पार्टनर के साथ जितना हो सके उतना सम्भोग करे खासतौर पर डिंबोत्सर्जन की प्रक्रिया के दौरान कई बार संभोग करें.
जल्दी गर्भवती होने के लिए स्वस्थ तथा सेहतमंद आहार
जल्दी गर्भवती होने के लिए सेहतमंद आहार का सेवन करना बेहद जरुरी है. Iron और Calcium की कमी के कारण कंसीव होने की सम्भावना कम हो जाती है. इसलिए अपनी डाइट में सेहतमंद आहार को जरूर शामिल करें.
गर्भनिरोधक का इस्तेमाल बंद कर दे
गर्भधारण करने से साल भर पहले गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना बंद कर दे. कंस्ट्रासेप्टिव का लगातार इस्तेमाल करने से ऑवुलेशन की प्रक्रिया पर असर पड़ता है तथा गर्भधारण करने में परेशानी होती है.
नशे से दूर रहे
नशा करने से हमारी सेहत पर तो बुरा असर पड़ता ही है साथ ही ये प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है. जितना हो सके नशीली चीज़ों से दूर रहने की कोशिश करे.
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प्रेगनेंसी से बचाव
वैसे तो प्रेग्नेंसी से बचाव के कई तरीके है लेकिन इन सबसे आसान तरीका है कंडोम का इस्तेमाल करना. पुरुषों को यौन सम्बन्ध बनांते समय कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए इसके अलावा आप चाहे तो गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करके भी प्रेग्नन्सी से बच सकते है.