यदि कोई सामान्य बीमारी है तो डॉक्टर हमें दवा देते है और अगर चोट लग जाये तो डॉक्टर उसका उपचार करते है, परन्तु बहुत बार बीमारी का कारण पता नहीं लगता इसीलिए MRI करवाने को कहा जाता है. आज हम आपको बताने वाले है MRI टेस्ट क्या है, MRI स्कैन क्या होता है, MRI स्कैन क्यों किया जाता है, एमआरआई स्कैन कराने की प्रक्रिया क्या है, एमआरआई स्कैन कैसे होता है के बारे में.

एमआरआई स्कैन क्या होता है
एमआरआई का पूरा नाम मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging) हैं. एमआरआई शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र रेडियो तरंगों तथा कंप्यूटर से आपके बॉडी के अंदर के हिस्सों की तस्वीर लेते है, यह हमारी बॉडी में मौजूद छोटे-छोटे प्रोटॉन को साथ में मिलाकर उनकी फोटो लेता है. ऐसा बॉडी के किसी भी हिस्से की फोटो लेने के लिए किया जाता है. सीटी स्कैन में मरीज को नुकसानदायक एक्सरे से गुजरना पड़ता है जबकि इसमें ऐसा नहीं है. स्कैन हो जाने के बाद डॉक्टर आसानी से पता लगा लेते है की कौनसी बीमारी है.
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एमआरआई स्कैन कराने की प्रक्रिया क्या है
MRI करवाने से पहले आपको कपड़े उतारने को कहा जाता है और बदले में आपको एक गाउन पहनने को दिया जाता है. MRI स्कैन करने से पहले मरीज को सभी तरह की धातुएं निकालने को कहा जाता है जैसे चैन, घडी या कोई ज्वेलरी आदि. उसके बाद मरीज को मशीन की टेबल पर लिटाया जाता है. उसके बाद मरीज को बेल्ट से बांध देते है ताकि स्कैनिंग के समय मरीज हिल न सके. फिर एमआरआई मशीन मरीज के अंदर शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र बना लेती है.
फिर इन तरंगों के जरिये कंप्यूटर बॉडी के अंदर का चित्र बना लेता है. स्कैन हो जाने के बाद डॉक्टर पता लगा लेते है की मरीज को कौनसी बीमारी है तथा यह कितनी पुरानी है. यह प्रक्रिया पूरी होने में 20 मिनट से 90 मिनट तक का समय लगा सकती है.
एमआरआई स्कैन क्यों किया जाता है
MRI के द्वारा चिकित्सक किसी बीमारी का इलाज या चोट का पता या फिर बीमारी के लिए दिए गए ट्रीटमेंट के असर को देख पाता है. बॉडी के बहुत से अंगों पर M.R.I की जा सकती है.
रीड की हड्डी तथा दिमाग की MRI निम्न वजहों से की जा सकती है – मस्तिष्क को हुए नुकसान को देखने के लिए, रक्त वाहिकाओं को पहुँची हानि को देखने के लिए, कैंसर की जांच करने के लिए, रीढ़ की हड्डी की चोट देखने के लिए.
जोड़ो तथा हड्डियों का MRI इन वजहों से किया जाता है – हड्डी में इन्फेक्शन देखने के लिए, जोड़ो के नुकसान, रीढ़ की डिस्क की परेशानी होने पर, कैंसर आदि.
ह्रदय तथा रक्त वाहिकाओं का MRI इन वजहों से किया जाता है – रक्त वाहिकाओं में रुकावट होने के कारण, दिल के दौरे से दिल को हुए नुकसान को देखने के लिए आदि.
MRI से पहले जरूर जान लें ये बातें
यदि आपकी किसी भी तरह की कोई सर्जरी हुई है या किसी तरह का कोई डिवाइस आपकी बॉडी में लगा है तो डॉक्टर को बता दे. ऐसा होने पर MRI के समय आपको परेशानी हो सकती है.
अगर इस टेस्ट में डाई या कॉन्ट्रास्ट की मदद होती है तो इसे इंजेक्शन के जरिए नसों में डाला जा सकता है. इससे ठंडक महसूस होती है. डाई के जरिए बॉडी के कुछ हिस्से ठीक तरह से फोटो में नजर आते हैं. इसके अलावा MRI होते समय बहुत आवाज होती है जो की सामान्य है.