Jaundice Treatment in Hindi
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पीलिया रोग तथा इसके लक्षण, कारण, उपचार | Jaundice Treatment in Hindi

Jaundice Treatment in Hindi (पीलिया का उपचार) –  पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो हमारे पाचन तंत्र पर बुरा असर डालती है जिसके कारण हमारा लिवर कमजोर हो जाता है.

पाचन तंत्र का कमजोर होना पीलिया का एक मुख्य कारण है. अगर लापरवाही की जाये तो ये पिलिया किसी की भी जान तक ले सकता है.

पीलिया के लक्षण दिखते साथ है इसका तुरंत उपचार करना चाहिए. आज हम आपको बताने वाले है Piliya Ke Lakshan, Piliya Hone Ke Karan और Piliya Ka Ilaj के बारे में.

Jaundice Treatment in Hindi

पीलिया कितने प्रकार का होता है | Types of Jaundice in Hindi

Jaundice Treatment in Hindi पीलिया एक ऐसा रोग है जो Hepatitis A या Hepatitis C वायरस के कारण फैलता है. पीलिया बॉडी के कई हिस्सो को अपना शिकार बनाता है तथा बॉडी को नुकसान पहुंचाता है. पीलिया में पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर पाता तथा शरीर का रंग पीला होने लगता है. पीलिया कई तरह का होता है इसे जॉन्डिस के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा भी कई तरह के पीलिया होते है जैसे – सफेद पीलिया, काला पीलिया, Hepatitis A, Hepatitis B, Hepatitis C आदि.

पीलिया के लक्षण | Symptoms of Jaundice in Hindi

वैसे तो शुरुवात में इसके लक्षण नहीँ दिखते, लेकिन जब ये पुराना हो जाता है तो मरीज की आंखों में पीलापन और नाखून पीले पड़ जाते है. इसके अलावा पीलिया के कुछ और लक्षण भी है जैसे

  • पेशाब पीले रंग का आना.
  • भूख कम लगना.
  • सिर दर्द होना.
  • आँख दर्द होना.
  • जी मचलना.
  • उल्टी आना और कमजोरी महसूस करना.

पीलिया के कारण | Causes of Jaundice in Hindi

  • लिवर कमजोर होना
  • शरीर में खून की कमी
  • गन्दी और दूषित चीज़ों का सेवन करने से

पीलिया के इलाज के घरेलू नुस्खे और उपाय | Jaundice Treatment In Hindi

Jaundice Treatment in Hindi (Piliya Ka Ilaj) – नीचे हमने पीलिया के इलाज के घरेलू नुस्खे बताए है जो पीलिया से राहत दिलाने में मददगार है.

अरंड के पत्ते – अरंड के पत्तों का रस दस से बीस ग्राम तक गाय के कच्चे दूध में मिलाकर रोजाना और सुबह श्याम पिए. इसको पीने से आपको पीलिया से राहत मिलेगी.

तोरई – कड़वी तोरई के रस की दो बूंद नाक में डाले. दवा अंदर जाते ही पीले रंग का पानी निकलना शुरू हो जाएगा. इससे पीलिया के मरीज को राहत मिलेगी.

गिलोय – गिलोय के अर्क पचास ग्राम में बीस ग्राम शहद मिलाकर पीने से पीलिया में लाभ मिलता है.
टमाटर – टमाटर के सौ ग्राम रस में तीन ग्राम काले नमक को मिलाएं और सुबह तथा शाम को पिए.

पीलिया में क्या खाना चाहिए | पीलिया में क्या खाएं और क्या ना खाएं | Piliya Me Kya Khaye Aur Kya Na Khaye

मूली का रस और पत्ते – मूली के पत्तो का सेवन करना पीलिया में काफी फायदेमंद माना जाता है. पीलिया के मरीज को दिन में दो गिलास मूली के रस का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा आप चाहें तो इसके पत्तों को पीसने के बाद उनका रस निकाल ले और फिर छानकर सेवन करे.

नीम – नीम एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर होती है. नीम का इस्तेमाल सालों से औषधि के रूप में किया जा रहा है. इसका स्वाद भले ही कड़वा को लेकिन यह हमारे शरीर के लिए बेहद लाभकारी है. हेपेटाइटिस के इलाज में भी नीम फायदेमंद है. नीम की पत्तियों के रस में शहद मिलाकर सुबह शाम पीना फायदेमंद है.

आंवला – आंवले में भरपूर मात्रा में विटामिन C पाया जाता है. साथ ही साथ इसमें फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन भी पाया जाता है. आप इसका सेवन सुखा कर या फिर कच्चा भी कर सकते है आप चाहे तो इसके रस का सेवन भी कर सकते है.

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निम्बू का रस – निम्बू कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है जो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है. नींबू कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है. नीम्बू दांत दर्द तथा मोतियाबिंद जैसी बीमारी के शुरुआती लक्षणों को रोकने में तो मददगार है ही साथ ही ये पीलिया में भी फायदेमंद है. निम्बू के रस को रोज सुबह खाली पेट पानी में मिलाकर पिए. इससे पेट साफ़ होता है और ये पीलिया में भी फायदेमंद होता है.

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टमाटर – टमाटर में विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले तत्व भी मौजूद होते है. वजन कम करने के लिए भी टमाटर फायदेमंद है. टमाटर के रस में थोड़ा नमक तथा काली मिर्च डालकर पिए. इससे पीलिया में राहत मिलती है.

गन्‍ना – गन्‍ना हमारी पाचन क्रिया को सही करने में मदद करता है. इसके अलावा ये हमारे लिवर को भी अच्छे से कार्य करने में मदद करता है. 1 गिलास गन्ने के रस में निम्बू का रस मिलाएं और रोज 2 बार इसका सेवन करे.

नमक के सेवन से बचें – पीलिया में नमक का सेवन करना सही नहीं माना जाता है. नियमित रूप से नमक का सेवन करने से लिवर की कोशिकाओं को और ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसीलिए अचार जैसे नमक वाले पदार्थो का सेवन न करे.

कॉफी का सेवन न करे – जॉन्डिस होने पर कॉफी तथा चाय का सेवन करने से बचना चाहिए.

दालों के सेवन न करे – पीलिया होने पर दालों का सेवन करना सही नहीं होता क्यूंकि दालें और फलिया पाचन में समस्या पैदा करते है. इनमे काफी ज्यादा मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है. साथ ही दालें तथा फलिया आंतो में जमने लगती है. इसलिए इनका सेवन करने से खुद को बचाना चाहिए.

फैट युक्त आहार का सेवन न करे – पीलिया के समय फैट वाले आहार का सेवन करने से बचना चाहिए. फैट के रूप में बहुत सारी कैलोरी लेने की वजह से यह लिवर के आस-पास इकठ्ठा हो जाती है. जो कोशिकाओं संबंधी क्षति का कारण बन सकती है. फैट युक्त आहार का सेवन करने की वजह से पीलिया का स्तर और ज्यादा बढ़ जाता है. पीलिया के मरीजों को मैदा, तली हुई चीज़ें, ज्यादा मिर्च वाली चीज़े तथा मिठाईयों का सेवन नहीं करना चाहिए.

अंडे तथा मीट के सेवन से बचे – अंडे में काफी ज्यादा मात्रा में प्रोटीन तथा फैट पाया जाता है. और यह पचने में काफी मुश्किल होता है. इसीलिए अंडे का सेवन करने से बचना चाहिए. इसके अलावा चिकन, फिश, टर्की जैसी चीज़ों का सेवन करने से बचना चाहिए.

ये थे पीलिया के लक्षण, पीलिया होने के कारण, पीलिया का घरेलु इलाज उम्मीद है Jaundice Treatment in Hindi के ऊपर आपको ये जानकारी पसंद आई होगी.

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