पुरुषों में उनके ब्रैस्ट टिश्यू के साइज के बढ़ जाने को गाइनेकोमेस्टिया या Man Boobs कहते है. यह पुरुषों में होने वाली आम बीमारी है जो टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन में गड़बड़ी होने के कारण होता है. मेल बूब्स की समस्या जेनेटिक कारण की वजह से होती है. लेकिन अगर ये बीमारी जेनेटिक कारणों की वजह से न हो तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप इससे बच सकते है.

गाइनेकोमेस्टिया क्या है
आदमियों में होने वाली ये बीमारी हार्मोन में गड़बड़ी की वजह से होती है. Man Boobs या गाइनेकोमेस्टिया होने पर आदमियो की चेस्ट में वृद्धि हो जाती है. इसका प्रभाव एक स्तन या दोनों स्तनों पर पड़ सकता है. जब बच्चे युवावस्था में आने लगते है तब भी यह समस्या पैदा हो सकती है तथा उम्र के ढलान के वक्त भी पुरुष इसकी चपेट में आ सकते है, क्युकी इस समय हार्मोन में बदलाव होते है.
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गाइनेकोमेस्टिया से बचाव
गाइनेकोमेस्टिया कोई गंभीर समस्या नहीं है परन्तु पुरुषों की छाती में हल्का सा भी उभार उन्हें चिंता में डाल देता है. इस परेशानी को दूर करने के लिए पुरुष जिम, डाइट आदि की मदद लेते है, लेकिन इन सबसे कोई फायदा नही मिलता है. बढे हुए ब्रैस्ट टिश्यू को क्रीम, दवाओं या एक्सरसाइज से कम नहीं किया जा सकता है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए गाइनेकोमेस्टिया करेक्शन सर्जरी ही एक उपाय है. लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप इस समस्या से बच सकते है.
वजन घटाएं – ज्यादा वजन होने के कारण भी आपको गाइनेकोमेस्टिया हो सकता है. इस बीमारी से बचने के लिए आपको अपनी बॉडी से एक्स्ट्रा फैट को कम करना चाहिए. ज्यादा मोटापे की वजह से भी चेस्ट के पास चर्बी जमा होने लगती है, जिस वजह से गाइनेकोमेस्टिया हो सकता है.
शराब का सेवन न करे – शराब का सेवन करना शरीर के लिए नुकसानदायक है. ज्यादा मात्रा में शराब पीने की वजह से आपको गाइनेकोमेस्टिया हो सकती है. अगर आप ज्यादा मात्रा में शराब पीते है तो अपनी शराब पीने की आदत को बदल दीजिए और जितना हो सके कम मात्रा में शराब का सेवन करे.
ड्रग्स से दूर रहे – चरस, अफीम आदि का इस्तेमाल करने से ये बीमारी हो सकती है. गांजा, भांग आदि का प्रयोग करने वाले पुरुषों की छाती महिलाओं जैसी हो जाती है. इसीलिए इन सबका सेवन करना बंद करे.
आनुवंशिक कारण – यह एक जेनेटिक बीमारी भी है, अगर आपकी फैमिली में कोई इससे पीड़ित रहा है तो ये समस्या आपको भी हो सकती है. साथ ही बच्चों में ये बीमारी माँ के जरिये भी होती है. प्रेगनेंसी के समय हार्मोन में बदलाव होते है तथा इन बदलावों की वजह से बच्चे को गाइनेकोमेस्टिया हो सकता है.
दवाओं का सेवन – ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक दवाएं खाने की वजह से भी गाइनेकोमेस्टिया होने का खतरा बढ़ जाता है, ये हार्मोन को प्रभावित करते है. इसीलिए सामान्य बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक का सेवन करने से बचे.