Depression in Hindi (डिप्रेशन या अवसाद के कारण लक्षण और इलाज) – जिंदगी में हम सभी कभी-कभार दुःख या बुरा महसूस करना, दैनिक गतिविधियों में रूचि या खुशी न होना आदि समस्याओं का सामना करते है. परन्तु जब ये सारे लक्षण हमारी जिंदगी में ज्यादा वक्त तक रहते है तथा हमें प्रभावित करते है तो इसे अवसाद (Depression) कहते है. अवसाद यानी डिप्रेशन सामान्य बीमारी है और दुनिया में बहुत से लोग डिप्रेशन से प्रभावित है.

डिप्रेशन क्या है | What is Depression in Hindi
depression kya hota hai डिप्रेशन एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है. विशेष रूप से यह एक मूड विकार है यह लगातार किसी चीज से लगाव न होना और उदासी की वजह से होता है. यह सिर्फ कुछ दिनों की ही समस्या नहीं है यह एक लम्बी बीमारी है.
डिप्रेशन एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमे व्यक्ति को उदासी, अकेलापन, निराशा, कम आत्मसम्मान, व आत्मप्रतारणा महसूस होती है. इसके संकेत मानस – मिति संबंधी मंदता, समाज से कटना और ऐसी स्थितिया जिसमे की कम भूख लगना और अत्यधिक नींद आना नजर आते हैं.
डिप्रेशन कैसे होता है | डिप्रेशन के कारण | Depression Causes in Hindi
- डिप्रेशन का कारण हो सकता है आनुवंशिकी
- अवसाद का कारण हैं दिमाग में परिवर्तन
- डिप्रेशन का कारण है हार्मोन परिवर्तन
- मौसम में परिवर्तन है डिप्रेशन का कारण
- जीवन में बड़ा परिवर्तन है डिप्रेशन का कारण
डिप्रेशन के लक्षण | Depression Symptoms in Hindi | Depression Ke Lakshan
- दैनिक गतिविधियों में रुचि खोना
- अनिद्रा या ज्यादा सोना
- गुस्सा
- चिड़चिड़ापन
- ऊर्जा का नुकसान
- आत्म घृणित
डिप्रेशन का इलाज | Depression Treatment in Hindi
अवसाद एक चिकित्सा योग्य मानसिक रोग है. अवसाद को नीचे बताए गए तरीकों से ठीक किया जा सकता हैं
- समर्थन
- साइकोथेरपी – अवसाद के लिए की जाने वाली साइकोलॉजिकल या टॉकिंग थेरेपी में कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT), इंटरपर्सनल साइकोथेरपी और समस्या निवारण उपचार शामिल है. CBT और इंटरपर्सनल थेरेपी दो मुख्य प्रकार की साइकोथेरपी हैं, जिनका इस्तेमाल अवसाद को ठीक करने के लिए किया जाता है. CBT को आमने-सामने, समूह में या टेलीफोन द्वारा व्यक्तिगत सत्रों में वितरित किया जा सकता है.
- दवाइयों द्वारा इलाज ( एंटी-डेप्रेसेंट्स ) – इन दवाइयों का इस्तेमाल डॉक्टर द्वारा सुझाव देने पर किया जाता है. इनका उपयोग मध्यम से लेकर तेज डिप्रेशन के लिए किया जाता है. छोटे बच्चो को ये दवाएं नहीं दी जाती है. इसका इस्तेमाल किशोरों को भी सावधानी से करना चाहिए.
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