अनुलोम विलोम एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्राणायाम है. इसमें सांस लेने की क्रिया को बार-बार दोहराया जाता है. यह हमारी बॉडी में शुद्ध वायु का संचार करता है तथा बॉडी को एनर्जी देता है. आज हम आपको अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे बताने वाले है जिन्हें जानने के बाद आप भी अनुलोम विलोम प्राणायाम करने लगेंगे.

अनुलोम विलोम प्राणायाम क्या है
अनुलोम विलोम नाड़ी शोधन प्राणायाम है. अनुलोम विलोम में एक छिद्र से सांस लेते है, फिर सांस को रोकते है और फिर दूसरे छिद्र से सांस को छोड़ते है.
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के फायदे
अनुलोम विलोम नाड़ी को साफ़ करने का कार्य करता है, जिससे हमारे शरीर को अनेक तरह के फायदे होते है. नीचे हमने अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के फायदे विस्तार से बताए है.
स्वस्थ फेफड़े – रोजाना अनुलोम विलोम करने से फेफड़े मजबूत होते है.
वजन घटाएं – अगर आप वजन को कम करना चाहते है तो अनुलोम विलोम प्राणायाम करना फायदेमंद है. इसे नियमित रूप से करने से मोटापा कम होने में मदद मिलती है.
कब्ज – अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान है तो भी अनुलोम विलोम करना फायदेमंद है. यह कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में भी मदद करता है.
माइग्रेन – माइग्रेन जैसे सिरदर्द से बचने के लिए भी अनुलोम विलोम प्राणायाम करना फायदेमंद साबित हो सकता है. यह प्राणायाम चिन्ता और अवसाद को दूर करने का काम करता है, जिससे माइग्रेन से राहत मिल सकती है.
गठिया – गठिया जैसी बीमारी के लिए भी यह फायदेमंद है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता – अनुलोम विलोम की मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मधुमेह जैसी बीमारी से बचने में भी मदद मिलती है.
खर्राटे – नियमित रूप से अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से खर्राटों से छुटकारा मिलता है.
शरीर का तापमान – यह प्राणायाम बॉडी के टेम्परेचर को स्थिर रखने में मददगार है जिससे अचानक शरीर का तापमान कम या ज्यादा नहीं होता.
सुन्दर त्वचा – रोजाना अलोम विलोम करने से त्वचा पर चमक आती है और त्वचा सुन्दर होती है.
विषाक्त पदार्थ – शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए यह प्राणायाम लाभकारी है. यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल शरीर को शुद्ध करता है.
नाड़ियों के रोगों से रक्षा – यह प्राणायाम नाड़ियों की शुद्धि करता है जिससे शरीर सही से कार्य करता है. यह नाड़ियों के रोगों से भी रक्षा करता है.
अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करे
- अनुलोम विलोम को करने के लिए सबसे पहले सुखासन या वज्रासन जैसी किसी भी स्तिथि में बैठ जाये.
- कमर को सीधा रखें और अपनी आंखें बंद कर ले.
- इस प्राणायाम की शुरुआत नाक के बाएं छिद्र से करे.
- अब दाहिने हाथ के अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका को बंद करे तथा बाई नासिका से धीरे-धीरे गहरी सांस ले.
- अब दाहिने हाथ की मध्य ऊँगली से बाई नासिका को बंद करे तथा दाईं नासिका से अंगूठे को हटाते हुए धीरे-धीरे करते हुए सांस को छोड़े.
- कुछ सेकंड रुक कर दाई नासिका से गहरी सांस ले.
- अब दाहिने अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद करे तथा बाई नासिका से दाहिनी हाथ की मध्य ऊँगली को हटाकर धीरे से सांस छोड़े.
- आप एक बार में 5 से 7 बार ऐसा करें. आप इसे रोज दस मिनट कर सकते है.
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के टिप्स
- अनुलोम विलोम सुबह करना ज्यादा फायदेमंद है.
- अगर आपने पहले कभी अनुलोम विलोम नहीं किया है तो किसी योग प्रशिक्षक की देख-रेख में करे.
- हृदय रोगी, गर्भवती महिलाए और रक्तचाप के मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर ही यह प्राणायाम करे.