पुरुषों में बहुत बार अंडकोष के बढ़ने की समस्या होती है जिसको आमतौर पर इसे हाइड्रोसील की समस्या भी कहते है. यह समस्या एक अंडकोष में या फिर दोनों अंडकोषों में भी हो सकती है. यह समस्या तब होती है जब किसी वजह से अंडकोष में ज्यादा पानी जमा हो जाता है. इस वजह से अंडकोष की थैली फूल जाती है और ऐसी स्थिति को आमतौर पर हाइड्रोसील या प्रोसेसस वजायनेलिस या पेटेन्ट प्रोसेसस वजायनलिस भी कहा जाता है.

अंडकोष में अधिक पानी भर जाने की वजह से बहुत बार अंडकोष गुब्बारे की तरह फूला दिखाई देने लगता है. अंडकोष में ज्यादा पानी भर जाने की वजह से सूजन और दर्द की शिकायत हो सकती है, इसलिए हाइड्रोसील से इकट्ठा पानी को निकालने की जरूरत होती है.
अंडकोष में सूजन या पानी भरना कई वजहों से हो सकता है. जैसे अंडकोष पर चोट लगने की वजह से या नसों में सूजन आने की वजह से या स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से भी अंडकोष में सूजन आ सकती है.
कुछ लोगों में हाइड्रोसील की समस्या जन्मजात या वंशानुगत भी हो सकती है. यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है परन्तु चालीस वर्ष के बाद इसकी शिकायत देखी जाती है. कभी-कभी अंडकोष की सूजन में दर्द नहीं होता और कभी होता है और वह बढ़ता रहता है.
अंडकोष का बढ़ना के उपचार के तरीके
हाइड्रोसील की चेकअप – हाइड्रोसील के पास तरल पदार्थ होने की वजह से अंडकोष को महसूस नहीं किया जा सकता है. हाइड्रोसील में उपस्थित तरल पदार्थ का साइज पेट या हाइड्रोसील की थैली के प्रेशर की वजह से कम या ज्यादा होता रहता है. यदि बॉडी में तरल पदार्थ का स्टोरेज का साइज बदलता रहता है, तो आमतौर पर यह लक्षण हर्निया से संबधित होने की संभावना भी हो सकती है.
हाइड्रोसील को आसानी से पता लगा सकते है. इसके ट्रीटमेंट के लिए अल्ट्रासाउंड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अल्ट्रासाउंड से अंडकोष में भरा द्रव नजर आता है.
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सर्जरी – हाइड्रोसील कोई गंभीर बीमारी नहीं है. परन्तु फिर भी इसमें सर्जरी की जरुरत पड़ सकती है. अगर हाइड्रोसील की वजह से समस्या अधिक बढ़ जाती है तो सर्जरी की जरुरत पड़ सकती है. हाइड्रोसील की वजह से ब्लड फ्लो में समस्या हो सकती है. ऐसे में सर्जरी की मदद से इसका निदान किया जाता है. अगर तरल पदार्थ साफ हो या कोई संक्रमण या रक्त का रिसाव हो तो इसे बाहर निकालने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है.
चूंकि हाइड्रोसेल्स तरल पदार्थ से भरे हुए हैं, इसलिए टेस्टिकल्स के अंदर किसी भी ठोस द्रव्यमान की अनुपस्थिति में, ट्रांसिल्यूमिनेशन तकनीक प्रकाश को सूजन से गुज़रने की अनुमति देती है. कभी-कभी जब हाइड्रोसेल रोगी के टेस्टिकल्स के अंदर ठोस द्रव्यमान का पता लगाया जाता है, तो डॉक्टर ग्रोन क्षेत्र में सूजन के लिए संबंधित कारण की बेहतर समझ के लिए अल्ट्रासाउंड की एडवाइस देते है.
हाइड्रोसेल खतरनाक नहीं है, इसका उपचार तब किया जाता है जब प्रभावित क्षेत्र में दर्द हो. अधिकतर मामलों में हाइड्रोक्सेल्स दवाओं के बिना भी एक निश्चित अवधि के बाद छोटा हो जाता है.
हालांकि, देखा गया है कि 65 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले पुरुषों में हाइड्रोसेल आमतौर पर अपने आप से दूर नहीं होता है. ऐसे में डॉक्टर बीमारी के अनुसार एक एस्पिरेशन सुई का इस्तेमाल करके हाइड्रोसेल से तरल पदार्थ की एस्पिरट कर सकते हैं या हाइड्रोसेलेक्टॉमी कर सकते हैं.